रंग संग जब रंग जुड़े
तो रंग बने ज़िंदगी का
वो रंग एक आज़ादी का
वो ek रंग ख़ुशियों का…
कभी गाल चूमे
कभी धरती चूमे
कभी गले लगे वो दोस्ती सा…
कभी ख़ामोशी से सन्न रहे
कभी जश्न में झूमे बौछारों सा..
कभी राम रहीम कभी ईसा नानक
कभी महावीर कभी बुद्धा का…
रंग संग जब रंग जुड़े
वो रंग बने एहसासों का..