पर मैं तो छुट्टी पर हूँ!
“पर मैं तो छुट्टी पर हूँ”
कहता है दिमाग़ मेरा
जब वो कुछ सोचना नहीं चाहता
कोई कुछ पूछने आता है
मैं कहता हूँ दिमाग़ से
“भाई, कुछ सोच ना “
वो झट से कह देता है
“पर मैं तो छुट्टी पर हूँ”
अक्सर ज़रूरत के वक्त
ये छुट्टी पर रहता है
और जब मैं छुट्टी पर होता हूँ
और कहता हूँ की
“भाई, मत सोच कुछ ”
तो वो झट से कहता है
“छुट्टी पर तू है, मैं नहीं”
अक्सर इंतेज़ार रहता है
उस दिन का
जब वो भी छुट्टी पर ना हो
और मैं भी छुट्टी पर ना रहूँ,
उस वक्त हम
जय-वीरू से हो जाते है
कहानिया, कविताएँ, क़िस्से कह जाते है
पर जब कहता हूँ
मैं दिमाग़ से
“चल छापे इन्हें”
तो झट से कह देता है
“पर मैं तो छुट्टी पर हूँ”
-दा