as we grow- da sachin

My first doodled thought- As We Grow
As we grow up, our perspective changes and our faith in magic, fairy tales, and superheroes go away. We all think that we now know everything, but as we go deeper into things, we realize, there is still a lot more to know.


Sometimes a person changes, sometimes our perspective of seeing him changes. As we grow up, not only by age, but by knowledge, by learning, by doing some experiences, the attitude toward seeing things also changes, and this change is necessary. This knowledge, this change sometimes also leads us to such a truth, where we think –  “I wish it were true”, and sometimes we are surprised to know the truth, and this process continues every day, every second.


Now it is in our hands, which truth we have to keep with us, which truth has to be changed, and which truth we have to forget and move on. Because the most important thing is happiness, without being a fool.

जैसे जैसे हम बड़े होते है, हमारा नजरिया बदलता जाता है, जादू, परियो की कहानी, सुपरहेरो से हमारा विश्वास उठता जाता है. हमें हर वक़्त लगता है हम अब सब जानते है, पर जैसे जैसे हम चीज़ो की गहराइयो में जाते जाते हे, हमें एहसास होता है, अभी और भी बहोत कुछ जानना बाकी है.


कभी इंसान बदलता है, कभी उसे देखने का हमारा नजरिया बदल जाता है. जैसे जैसे हम बड़े होते है, सिर्फ आयु से नहीं बल्कि ज्ञान से, सीख से, एक्सपीरियंस से चीज़ो का देखने का नजरिया बदलता रहता है, और ये बदलाव ज़रूरी भी है. ये ज्ञान, ये बदलाव कभी कभी हमें एक ऐसी सच्चाई की ओर भी लेजाता है, जहा जाकर हम सोचते है- “काश ये सच होता”, तो कभी हमें आश्चर्य होता है वो सच जान कर, और ये प्रक्रिया हर दिन, हर वक़्त जारी रहती है।


अब ये हमारे हाथ में है, किस सच को हमें साथ रखना है, किस सच को बदलना है, और किस सच को भुला कर आगे बढ़ना है. क्युकी सब से ज़रूरी है खुश रहना।