कभी बारिश की बूँदों सी कभी सुबह की ओस सी कड़ी धूप में छांव सी सर्दियों में हल्की धूप सी आँखो के कोनों की मुस्कुराहट सी दिल में एक अजीब – सी हलचल सी फूलो में सौंधी – सी ख़ुशबू सी कांटो में हल्की – सी चुभन सी… ख़ास होती है…
हर कोई अकेले चल सकता है, पर साथ मिलकर चलने का मज़ा ही कुछ और है, यू तो बारिश में बहुत लोग रोते हैं, पर छतरी में किसी का हाथ पकड़ कर चलने का मज़ा ही कुछ और है, खो जाते हैं कई लोग दुनिया की इस भीड़ में… ढूँढ निकाले जो हमें उस भीड़ से, उस रिश्ते का मज़ा ही कुछ और है