मज़ा ही कुछ और है
हर कोई अकेले चल सकता है,
पर साथ मिलकर चलने का मज़ा ही कुछ और है,
यू तो बारिश में बहुत लोग रोते हैं,
पर छतरी में किसी का हाथ पकड़ कर चलने का
मज़ा ही कुछ और है,
खो जाते हैं कई लोग दुनिया की इस भीड़ में…
ढूँढ निकाले जो हमें उस भीड़ से,
उस रिश्ते का मज़ा ही कुछ और है