हैपी माँ दिवस
कभी झाड़ू से मार भी था,
फिर चुप से मल्हम लगाया भी था..
कभी मेले में भुलाया भी था
तो कभी सब को भूला कर गले लगाया भी था…
सुबह चिल्लाकर उठाया भी था..
रात को सब को चुप कराकर सुलाया भी था…
हम बस माँगते rehte और वो बस देतीं रहती हे…
कभी एक दिन दूर नहीं रखा आज महीनो दूर हे…
माँ मम्मी आइ मोम कई नाम हे…
और जब मिलते हे में kehta हु..
आइ मारी माँ ऐ…
और वो कहेती हे..
ऐ छोरा थू वेण्डो हे।
हैपी माँ दिवस।